2024-08-04 06:58
मित्रता दिवस पर सभी मित्रो को हार्दिक बधाई ,
अपना एक पुराना शेर ,आज के दिन प्रासंगिक लगा,सोचा सभी से शेयर कर लूँ।
शेर मुलाहिजा फ़रमाइये ।
बुनियाद-ए- दोस्ती की
कोई पैमाइश नहीं होती ।
तक़्क़लुफ की इसमें
कोई गुंजाईश नहीं होती ।।
सब नज़र के पास रहें
ये तो मुमकिन नहीं।
दिल के रहने की
कोई बंदिश नहीं होती ।।
स्वस्थ रहें,मस्त रहें ।