2024-09-10 03:20
गुज़र गई, रात ये, दिन गुज़र जाएगा
मुड़ती-चलती राह से, दिल गुज़र जाएगा
मिलेगी जो रोशनी, या साया हाथ आएगा
दिल उसे, फ़िर गूँथ के, जज़्बात बनाएगा
Guzar gayi, raat ye, din guzar jaayega
Mudti-chalti raah se, dil guzar jaayega
Milegi jo roshni, ya saaya haath aayega
Dil use, phir goonth ke, jazbaat banayega
- डॉ० शैलेंद्र सिंह " गजब "
(10/09/2024)
08:50 am
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