छोड़ दिया गली मोहल्लो मै टहलना अब इश्क़ भी डिजिटल हो गया है
कोन करता है अब रूह की बाते अब सबकुछ फिज़िकल हो गया है
अब नही उमड़ते जज्बात चिट्ठीओ मै अब जमना कुछ ज्यादा हि पेर्कटिकल हो गया है
किस्से कहानियो मै अब मैजिक नही अब सोचना भी लोजिकल हो गया है
जम कर इस्तेमाल करेंगे दिमाग़ वाले तेरा ए दिल तु क्यो इतना इमोशनल हो गया है