2024-11-17 04:57
✍️ मेरी शायरी ✍️
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सिलसिला कुछ ऐसा भी हुआ,
मैं उसकी जगह थी और वो मेरी जगह हुआ।
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टूटकर बिखरने लगा वो एक पल में ही,
मेरे दर्द को वो सह न सका एक पल भी।
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जब मेरे अश्क उसके दामन से टकराए,
तब जाकर उसे मेरे इश्क़ के मायने समझ में आये।
💞💞
उसकी खामोशी में मेरा नाम गूंजने लगा,
और उसकी धड़कनों में मेरा इश्क़ बसने लगा।
🌺✨
फिर उसे मेरी मोहब्बत का एहसास हुआ,
मेरे दिल के हर ज़ख़्म पर उसे ऐतबार हुआ।
🌸💓
आखिरकार उसे मेरी मोहब्बत का एहसास हुआ।
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