2025-01-01 08:09
वक्रतुण्ड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघनम कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा।।
इस मंत्र का अर्थ हुआ- हे ! गणेश भगवान जिनकी सूंड घुमावदार है, जिनका शरीर विशाल है और जिनका तेज एक लाख सूर्यों के समान है, मेरी कामना है कि आप मेरे सभी काम बिना किसी बाधा के शुभता के साथ पूरे करें। आयुर्वेद में इस बात का उल्लेख मिलता है कि इस मंत्र का अगर रोजाना ध्यान लगाकर मात्र 5 मिनट के लिए भी जाप किया जाए तो इससे याददाश्त तेज होती है व इस मंत्र की मूल ऊर्जा व्यक्ति को मानसिक रोगों से बचाती है Viralthreads