तस्वीरे और आवाजे और गंध खुशबू महसूस इन सब के बिना याददाश्त अधुरी होती ऐसा लगता है इंसान क्यो याद रखता है क्यों इंसान जो भी वस्तुये देखता हुं वो वस्तुये इंसान को याद कैसे आती मन मे छुपी हुई तस्वीरे वो वहीं इंसान देखता है जिसके मन मे वो तस्वीरें होती है वैसे ही आवाज कि भी बात होती आप जो आवाज सुनते हो वही आवाज आपको ही याद रहती गंध का मतलब उदाहरण के लिए कोई परफ्यूम जिसकी खुशबू इंसान को पसंद होती है वो खुशबू इंसान बार बार सुंघने का मन करता है