chanchalbags
लोग हर मोड़ पे रुक रुक के सँभलते क्यूँ इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यूँ मैं न जुगनू हूँ दिया हूँ न कोई तारा रौशनी वाले मेरे नाम से जलते क्यूँ
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